भारत और नेपाल के बीच 1770 किमी भूमि सीमा है, जो भारत के 5 राज्यों से मिलती है– उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल तथा सिक्किम। इनमें से नेपाल की सबसे लंबी सीमा बिहार के साथ है, जो 726 किमी है। नेपाल व भारत के बीच वर्तमान सीमाओं का निर्धारण 1815 की दोनों देशों के बीच हई सगौली की संधि द्वारा किया गया था।
भारत और नेपाल के बीच पश्चिमी क्षेत्र में कालापानी व पूर्वी क्षेत्र में सुस्तापानी एरिया पर सीमा विवाद है। इन सीमाओं को वर्ष 1816 में अंग्रेज़ों द्वारा निर्धारित किया गया था और भारत को वे क्षेत्र विरासत में प्राप्त हुए जिन पर 1947 तक अंग्रेज़ क्षेत्रीय नियंत्रण रखते थे। जब भारत-नेपाल सीमा का 98% सीमांकन किया गया था, तो दो क्षेत्रों- सुस्ता और कालापानी में यह कार्य अपूर्ण रहा।
1. कालापानी – कालापानी क्षेत्र नेपाल और भारत के उत्तराखंड के बीच स्थित है। इस क्षेत्र पर वर्तमान में भारत का कब्जा है, लेकिन नेपाल इस पर अपना दावा जताता रहता है। पश्चिम में भारत व नेपाल की सीमा सुगौली संधि के आधार पर की गई थी। इसमें महाकाली नदी को सीमा नदी माना गया था तथा इस नदी के पूर्व का क्षेत्र नेपाल का तथा पश्चिम का क्षेत्र भारत का माना गया था। इस हिसाब से कालापानी क्षेत्र भारत का क्षेत्र माना जाता है लेकिन नेपाल ने इस नदी के स्रोत को ही विवादास्पद बना दिया है। 2020 में नेपाल ने चीन के प्रभाव में एकतरफा कार्यवाही करते हुए भारत के 3 क्षेत्रों-कालापानी, लिपुलेख, तथा लिम्पियाधुरा क्षेत्रों पर अपना दावा करते हुए अपने मानचित्र में दिखाया था तथा उस मानचित्र का नेपाल की संसद द्वारा अनुमोदन भी किया जा चुका है। इसमें से लिपुलेख दर्रा विशेष महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह भारत व तिब्बत के बीच संपर्क का नया मार्ग है। भारत इस दर्रे का प्रयोग मानसरोवर की यात्रा के नए मार्ग के रूप में करना चाहता है। इसके लिए भारत ने लिपुलेख दर्रे तक उत्तरखंड में नए सड़क मार्ग का निर्माण भी किया है।
भारत ने नेपाल की इस एकतरफा कार्यवाही का विरोध किया है। उल्लेखनीय है कि भारत व नेपाल के बीच सीमा संबंधी विवादों के समाधान के लिए पहले से ही सचिव स्तर की वार्ताओं की व्यवस्था है, लेकिन नेपाल इस विवाद में जल्दबाजी दिखा रहा है। इस विवाद से 2020 में दोनों देशों के संबंध अधिक खराब हो गए थे।
2. सुस्तापानी एरिया – पूरब में भारत व नेपाल के बीच सीमा का निर्धारण कोसी नदी द्वारा किया गया है, लेकिन विगत कुछ दशकों में कोसी नदी का बहाव अपने आप नेपाल की तरफ आ गया है जिससे सुस्तापानी क्षेत्र भारत के बिहार राज्य में नदी के इस पार हो गया है। भारत का तर्क यह है कि नदी के बहाव में परिवर्तन एक भौगोलिक घटना है। अत सुस्तापानी भारतीय क्षेत्र है। दूसरी तरफ नेपाल का तर्क है कि ऐतिहासिक दृष्टि से सुस्तापानी सदैव नेपाल का हिस्सा रहा है। सुस्तापानी वर्तमान में भारत के नियंत्रण में है।