Explanation : भगवान राम की बहन का नाम शांता और कुकबी था। श्रीराम की दो बहनें में शांता चारों भाइयों से बड़ी थीं। दक्षिण भारत की रामायण के अनुसार शांता राजा दशरथ और कौशल्या की पुत्री थीं, लेकिन पैदा होने के कुछ वर्षों बाद राजा दशरथ ने शांता को अंगदेश के राजा रोमपद को दे दिया था। हुआ यूं कि एक बार जब अंगदेश के राजा रोमपद राजा दशरथ से मिलने अयोध्या अपनी पत्नी के साथ आये तो उन्हे ज्ञात हुआ के राजारोमपद की कोई संतान नहीं है। संतान ना होने का क्या दुःख होता है यह समझते हुए राजा दशरथ ने अपनी बेटी शांता को उन्हें दे दिया। उसके बाद राजा रोमपद शांता को लेकर अंगदेश लौट आये। भगवान राम की बड़ी बहन का पालन-पोषण राजा रोमपद और उनकी पत्नी वर्षिणी ने किया, जो महारानी कौशल्या की बहन अर्थात राम की मौसी थीं। बता दे कि दुनियाभर में 300 से ज्यादा रामायण प्रचलित हैं। उनमें वाल्मीकि रामायण, कंबन रामायण और रामचरित मानस, अद्भुत रामायण, अध्यात्म रामायण और आनंद रामायण की चर्चा ज्यादा होती है। लेकिन दक्षिण की रामायण में भगवान राम की बहन का उल्लेख है।
हिमाचल के कुल्लू में शृंग ऋषि के मंदिर में भगवान राम की बड़ी बहन शांता की पूजा होती है। यह मंदिर कुल्लू से 50 कि.मी दूर बना हुआ है। यहां देवी शांता की प्रतिमा भी स्थापित है, इस मंदिर में देवी शांता और उनके पति शृंग ऋषि की साथ में पूजा होती है। दोनों की पूजा के लिए कई जगहों से भक्त दर्शन के लिए आते हैं। शांता देवी के इस मंदिर में जो भी भक्त देवी शांता और शृंग ऋषि की सच्चे मन से पूजा करता है उसे भगवान राम का आशीर्वाद प्राप्त होता है। आपको बता दें की देवी शांता के मंदिर में दशहरा बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है।....अगला सवाल पढ़े
सात घोड़ों की तस्वीर घर में पूर्व की दिशा में और ऑफिस में दक्षिण दिशा में लगानी चाहिए। दौड़ते हुए सात घोड़ों की तस्वीर के बारे में कहा जाता है कि इस तस्वीर को घर और ऑफिस दोनों जगहों पर लगाया जा सकता है। वास्तु शास्त्र अनुसार 7 घोड़ों की तस्वीर दिखने ...Read More
सात घोड़े की तस्वीर रविवार के दिन लगाना चाहिए, क्योंकि यह दिन सूर्य देवता का दिन माना गया है। इसी के साथ रविवार के दिन सूर्य मंत्रों का 108 बार जाप करने से जीवन में अवश्य ही लाभ मिलता है तथा सभी मनोकामना की पूर्ति होती है। सात दौड़ते हुए घोड़ों की तस ...Read More
हर महीने की शुक्ल चतुर्थी को विनायक जयंती तथा कृष्ण पक्ष चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं, जो गणपति के दो दिव्य जन्म और अवतरण का सूचक है। पहले जन्म में वह देहधारी विनायक हैं। दूसरे में वह हाथी का मस्तक धारण किए हुए श्री गणेश हैं। पुराणों के अनुसार ...Read More
ज्योतिष और खगोल शास्त्र के विद्वान पंडित सूर्यनारायण व्यास का जन्म 2 फरवरी, 1902 को उज्जैन में हुआ था। 1932 में एक लेख में भविष्य में आने वाले 300 भूकंपों की सूची प्रकाशित कर दी थी, जो समय के साथ सच साबित होते रहे। महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, राजे ...Read More
ऐसे व्यक्ति, जिनका जन्म किसी महीने की 9, 18 या 27 तारीख को हुआ है, उनका मूलांक 9 बनता है। मूलांक 9 के स्वामी ग्रह मंगलहैं। ऐसे जातकों का अदम्य साहस, दृढ़ इच्छाशक्ति व व्यक्तित्व उन्हें सफलता दिलाने में अहम भूमिका निभाते हैं। किसी भी कार्य में हार ना ...Read More
जिन व्यक्तियों का जन्म किसी भी महीने की 8, 17 या 26 तारीख को हुआ है, उनका मूलांक बनता है 8, जिसके स्वामी ग्रह हैं शनि। आने वाले वर्ष में अपने लिए कुछ लक्ष्य निर्धारित करें और फिर उन्हें प्राप्त करने के लिए सभी पहलुओं पर विचार करते हुए अपनी प्रबंधन क् ...Read More
किसी भी महीने की 7, 16 या 25 तारीख को जिनका जन्म हुआ है, उनका मूलांक बनता है सात। इस अंक के स्वामी ग्रह हैं केतु। आप स्वभाव से गंभीर प्रवृत्ति के, खोजी और दूरदृष्टि वाले व्यक्ति हैं। आपके मित्रों का दायरा सीमित होता है, लेकिन जिसे मित्र मानते हैं, उस ...Read More
जिस व्यक्ति के जन्म की तारीख किसी भी महीने की 6, 15 या 24 तारीख है, उनका मूलांक 6 बनता है। अंक छह के स्वामी ग्रह शुक्र हैं, जो वैभव, सौंदर्य, मिलनसारिता, संगीत कला नाट्य में रुचि प्रदान करते हैं। ये रुचियां इस साल आगे बढ़ेंगी। अपनी बुद्धिमता का प्रयो ...Read More
जिनका जन्म मई महीने की 5, 14 या 23 तारीख को हुआ है, उनका मूलांक 5 बनता है। इसके स्वामी ग्रह बुध हैं। इस मूलांक वाले दृढ़ता और बुद्धिमत्ता के साथ अपने सभी कार्यों को करने में सफल रहते हैं। अपनी रचनात्मक क्षमता के कारण इन्हें इस साल लाभ होने वाला है। इ ...Read More
ऐसे व्यक्ति जिनका जन्म किसी भी महीने की 4, 13, 22 या फिर 31 तारीख को हुआ हो, उनका मूलांक 4 बनता है। इसके स्वामी ग्रह राहु हैं। अपने अनुशासन को आप बनाए रखेंगे। इस साल भी अपने काम पर फोकस करके आप कार्यों को पूरा कर पाएंगे। इस साल पैसा कुछ अधिक खर्च होग ...Read More