भारतीय रिज़र्व बैंक ने बैंकिंग लोकपाल योजना (Banking Ombudsman Scheme) बैंकों के ग्राहकों की शिकायतों का निदान कराने के लिए 14 जून, 1995 से देशभर में लागू कर दी है। यह योजना भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम 1949 की धारा 35क के अनुसार रिज़र्व बैंक द्वारा जारी निदेशक के माध्यम से लागू की गई है। इसके तहत् अलग-अलग क्षेत्रों के लिए 15 ग्राहक प्रहरी (Onibudsnan) नियुक्त किए जा चुके हैं। इनकी नियुक्ति नई दिल्ली, भोपाल, बंगलुरू, चंडीगढ़, हैदराबाद, मुंबई, पटना, जयपुर, कानपुर, गुवाहाटी, भुवनेश्वर, चेन्नई, कोलकाता, अहमदाबाद तथा त्रिवेन्द्रम में की गई है। बैंकिंग लोकपाल योजना पहली बार वर्ष 1995 में लागू की गई और इसे वर्ष 2002 में संशोधित किया गया विगत पाँच वर्षों के दौरान बैंकिंग लोकपालों द्वारा लगभग 36000 शिकायतों पर कार्रवाई की गई है।
रिजर्व बैंक की अधिसूचना के अनुसार सभी अनुसूचित प्राथमिक सहकारी बैंक तथा वाणिज्यिक बैंक ग्राहक प्रहरियों के दायरे में आते हैं, किंतु क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक इसके दायरे से बाहर रखे गए हैं।
कोई भी ग्राहक जिसकी सेवा संबंधी शिकायतों का निपटारा संतोषजनक तरीके से संबंधित बैंक शाखा तथा उसके शीर्ष प्रबंधन द्वारा 2 माह के भीतर नहीं किया जाता, बैंकिंग लोकपाल के पास एक वर्ष के भीतर शिकायत कर सकता है। ये शिकायतें इन 10 क्षेत्रों में की जा सकती हैं–
1. चेकों, ड्राफ्टों, बिलों आदि के भुगतान में अनावश्यक रूप से विलंब करना
2. छोटे नोटों को बिना किसी उचित कारण बताए स्वीकार न करना
3. बैंक ड्राफ्ट निर्गत न करना
4. बैंक द्वारा परिचालित किसी भी खाते के परिचालन से संबंधी शिकायतें, विशेष रूप से ब्याज दरों से संबंधित
5. भारत में कार्यरत् किसी भी बैंक से संबंधित निर्यातकों तथा अनिवासी भारतीयों की शिकायतें
6. क्रेडिट कार्ड से संबंधित शिकायतें
7. पेंशन संबंधित शिकायतें
8. किसी बैंक द्वारा अपनाए गए उचित व्यवहार कोड का पालन न करने संबंधी शिकायतें
9. निर्धारित कार्य समय का पालन न करना
10. ग्राहक को बिना पर्याप्त पूर्व सूचना दिए बैंक द्वारा प्रभार लगा देना
उपर्युक्त शिकायतों के संबंध में लोकपाल पहले प्रयास में शिकायतकर्ता तथा संबंधित बैंक के मध्य समझौता कराने का प्रयास करता है, किंतु इससे समाधान प्राप्त न होने पर वह शिकायतकर्ता को हुई हानि की राशि का (जो अधिकतम 10 लाख तक हो सकती है) ‘एवार्ड’ घोषित कर सकता है। बैंक द्वारा एवार्ड का भुगतान न करने पर लोकपाल उसकी शिकायत भारतीय रिजर्व बैंक को कर सकता है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकिंग लोकपाल योजना का दायरा बढ़ाकर इसमें सभी बैंकिंग व्यवहार अब शामिल किए हैं। क्रेडिट कार्ड से संबंधित शिकायतों, वायदा की गई सुविधाएं देने में विलंब, बैंकों के बिक्री एजेंटों द्वारा किए गए वायदे पूरे नहीं करने तथा ग्राहकों पर पूर्व सूचना के बिना सेवा प्रभार लगाने आदि को भी अब इस योजना के दायरे में शामिल किया गया है। बैंक सेवाओं में विलंब, बैंकों द्वारा छोटे मूल्य वर्ग के नोट और सिक्के स्वीकार नहीं करने अथवा इन पर कमीशन मांगने की शिकायतें भी बैंकिंग लोकपाल से की जा सकती हैं।