Explanation : बंगाल का विभाजन 31 दिसंबर, 1911 को रद्द हुआ था। जबकि दिसंबर 1903 में बंगाल विभाजन का प्रस्ताव रखा गया और 19 जुलाई, 1905 को बंगाल विभाजन के निर्णय की घोषणा की गई। इसके बाद 16 अक्टूबर, 1905 को बंगाल विभाजन योजना प्रभावी हुई। लॉर्ड कर्जन का सबसे अधिक मूर्खतापूर्ण कार्य 1905 ई. का 'बंग-भग' (बंगाल का विभाजन) था। इसके द्वारा असम, शाही, चटगांव और ढाका को मिलाकर पूर्वी बंगाल और दूसरा शेष बंगाल बनाना था। वास्तव में, बंगाल का यह विभाजन ‘फूट डालो और राज करो' की नीति के अनुरूप किया गया था। कर्जन का उद्देश्य बंगाल में बढ़ती हुई राष्ट्रीयता की भावना को कुचल देना था। लेकिन व्यवहार में इस कार्य के परिणामस्वरूप न केवल बंगाल वरन् संपूर्ण भारत में राष्ट्रीयता की अभूतपूर्व भावना को जन्म मिला।
लॉर्ड कर्जन बंगाल विभाजन के द्वारा एक पृथक मुस्लिम प्रांत बनाना चाहता था जहां इस्लाम के अनुयायियों का प्रभाव हो। पूर्वी बंगाल के गवर्नर सर बैंफाइल्ड ने भी कहा था कि 'उसकी दो स्त्रियां हैं एक हिंदू व दूसरी मुसलमान, किंतु वह दूसरी पत्नी को अधिक चाहता है।'
बंगाल विभाजन की घटनाएं
• दिसंबर 1903 : बंगाल विभाजन का प्रस्ताव रखा गया।
• 19 जुलाई, 1905 : बंगाल विभाजन के निर्णय की घोषणा की गई।
• 7 अगस्त, 1905 : कलकत्ता के टाउन हॉल की ऐतिहासिक बैठक, स्वदेशी आंदोलन की घोषणा।
• 16 अक्टूबर, 1905 : बंगाल विभाजन योजना प्रभावी हुई।
• 31 दिसंबर, 1911 : बंगाल विभाजन रद्द हुआ।
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