बंदर के गले में मोतियों की माला का अर्थ और वाक्य प्रयोग

(A) दुविधा या सोच-विचार में पड़ने से काम नहीं होता
(B) स्वयं अपने आप प्रत्यन करने पर ही काम बनता है।
(C) ईश्वर की कृपा से नाकाबिल भी काबिल हो जाता है
(D) निर्गुणी के पास गुणवान का होना, उसके महत्व को समझने वाला, अयोग्य व्यक्ति को अधिक सम्मान देना

Answer : निर्गुणी के पास गुणवान का होना, उसके महत्व को समझने वाला, अयोग्य व्यक्ति को अधिक सम्मान देना

Explanation : बंदर के गले में मोतियों की माला का अर्थ bandar ke gale mein motiyon ki mala है 'निर्गुणी के पास गुणवान का होना, उसके महत्व को समझने वाला, अयोग्य व्यक्ति को अधिक सम्मान देना।' हिंदी लोकोक्तिबंदर के गले में मोतियों की माला का वाक्य में प्रयोग होगा – अनपढ़ कालूराम के पास गीताजंलि की पुस्तक बन्दर के गले में मोतियों की माला के समान है।  हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ में 'बंदर के गले में मोतियों की माला' जैसे मुहावरे कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बी.एड., सब-इंस्पेटर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होते है।
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Useful for : UPSC, State PSC, SSC, Railway, NTSE, TET, BEd, Sub-inspector Exams
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Web Title : Bandar Ke Gale Mein Motiyon Ki Mala