बाघ को राष्ट्रीय पक्षी कब घोषित किया गया?

(A) वर्ष 1971
(B) वर्ष 1972
(C) वर्ष 1973
(D) वर्ष 1974

Answer : वर्ष 1973

बाघ को राष्ट्रीय पशु वर्ष 1973 में घोषित किया गया था। इसकी लावण्‍यता, ताकत, फुर्तीलापन और अपार शक्ति के कारण बाघ को भारत के राष्‍ट्रीय जानवर के रूप में चुना गया था। इससे पहले शेर भारत का राष्ट्रीय पशु था। ज्ञात आठ किस्‍मों की प्रजाति में से शाही बंगाल टाइगर (बाघ) उत्‍तर पूर्वी क्षेत्रों को छोड़कर देश भर में पाया जाता है और पड़ोसी देशों में भी पाया जाता है, जैसे नेपाल, भूटान और बांग्‍लादेश। भारत में बाघों की घटती जनसंख्‍या की जांच करने के लिए अप्रैल 1973 में प्रोजेक्‍ट टाइगर (बाघ परियोजना) शुरू की गई। अब तक इस परियोजना के अधीन 27 बाघ के आरक्षित क्षेत्रों की स्‍थापना की गई है जिनमें 37, 761 वर्ग कि.मी. क्षेत्र शामिल है। इसके अलावा आम आदमी इसे पहचान सके साथ ही इसे किसी भी सरकारी पब्लिकेशन में डेपिक्‍ट किया जा सके। इसके अलावा यह पूरी तरह से भारतीय संस्कृति और परंपरा का हिस्सा होना चाहिए। इसके बाद मोर को 26 जनवरी 1963 को भारत का राष्‍ट्रीय पक्षी घोषित कर दिया गया क्‍योंकि यह शिष्टता और सुंदरता का प्रतीक है। इसके साथ ही मोर केवल एक सुंदर पक्षी ही नहीं बल्कि इसे हिंदू धर्म की कथाओं में भी ऊंचा दर्जा दिया गया है। सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के राज्य में जो सिक्के चलते थे, उनके एक तरफ मोर बना होता था। मुगल बादशाह शाहजहाँ जिस तख्त पर बैठता था, उसकी शक्ल मोरकी थी। दो मोरों के मध्य बादशाह की गद्दी थी तथा पीछे पंख फैलाए मोर। हीरों-पन्नों से जड़े इस तख्त का नामतख्त-ए-ताऊस’ रखा गया। अरबी भाषा में मोर को ‘ताऊस’ कहते हैं।
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Web Title : Bagh Ko Rashtriya Pashu Kab Ghoshit Kiya Gaya