बाड़ ही जब खेत को खाए तो रखवाली कौन करे का अर्थ और वाक्य प्रयोग

(A) सभी अपने जैसा दिखायी देना
(B) कठिनाई का अनुभव होना
(C) रक्षक ही जब भक्षक हो जाए तो कोई विकल्प नहीं
(D) कमाया तो खाये, नहीं तो भूखे

Answer : रक्षक ही जब भक्षक हो जाए तो कोई विकल्प नहीं

Explanation : बाड़ ही जब खेत को खाए तो रखवाली कौन करे का अर्थ baad he jab khet ko khaye to rakhawali kaun kare है 'रक्षक ही जब भक्षक हो जाए तो कोई विकल्प नहीं।' हिंदी लोकोक्ति बाड़ ही जब खेत को खाए तो रखवाली कौन करे का वाक्य में प्रयोग होगा – मंत्री जी ने तो पूरे क्षेत्र में आतंक फैलाकर बाड़ ही जब खेत को खाए तो रखवाली कौन करे वाली कहावत कायम कर रखा है।  हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ में 'बाड़ ही जब खेत को खाए तो रखवाली कौन करे' जैसे मुहावरे कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बी.एड., सब-इंस्पेटर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होते है।
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Useful for : UPSC, State PSC, SSC, Railway, NTSE, TET, BEd, Sub-inspector Exams
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Web Title : Baad He Jab Khet Ko Khaye To Rakhawali Kaun Kare