अवध का किसान किसे कहते हैं?

(A) मदन मोहन मालवीय
(B) बाबा रामचंद्र
(C) दुर्गपाल सिंह
(D) गौरीशंकर मिश्र

Answer : बाबा रामचंद्र

अवध का किसान बाबा रामचंद्र को कहते हैं। प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान तथा बाद में सरकार द्वारा ताल्लुकेदारी तथा जमींदारी को प्रोत्साहन दिए जाने से उत्तर प्रदेश के किसानों की दशा शोचनीय हो गई थी। जिसके कारण किसान संगठित होकर जुझारू कदम उठाने लगे, जैसे – सामाजिक बहिष्कार आदि। झिंगुरी सिंह और दुर्गपाल सिंह ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रतापढ़ का रूर गांव, जो रामायण से जुड़ा था, इसका केंद्र बन गया। इसमें मुख्य पहल बाबा रामचंद्र ने की। ये महाराष्ट्र के निवासी थे तथा अवध आकार बस गए थे, तथा वहां के निवासियों को घूम-घूमकर रामकथा सुनाते थे, साथ ही रामचरित मानस के उद्धरण देते हुए, किसानों में गौरव की भावना जागृत कर रहे थे। जून, 1920 में बाबा रामचंद्र इलाहाबाद गए तथा गौरीशंकर मिश्र तथा जवाहरलाल नेहरू से गांवों का दौरा कर ​किसानों की दुर्दशा का अवलोकन करने का आग्रह किया। वर्ष 1920 में यह आंदोलन असहयोग आंदोलन से जुड़ गया। असहयोग आंदोलनकारियों तथा मालवीय सरीखें संवैधानिक सुधार चाहने वालों में मतभेद उभर आने के कारण वर्ष 1920 में प्रतापगढ़ में अवध किसान सभा का गठन किया गया।
Tags : आधुनिक इतिहास इतिहास प्रश्नोत्तरी
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Web Title : Awadh Ka Kisan Kise Kahte Hain