अस्टांगिक मार्ग का प्रतिपादन किया?

(A) बुद्ध
(B) महावीर
(C) शंकराचार्य
(D) गुरु नानक

Question Asked : [RAS/RTS (Pre) Opt History 95-96]

Answer : बुद्ध

अष्टांगिक मार्ग के विषय में महात्मा बुद्ध आनंद से कहते हैं कि 'हे आनंद, इस समय मैंने भी यह कल्याणवर्त्य अर्थात् कल्याणमित्र स्थापित किया है जो एकांत निर्वेद के लिए, विराग के लिए, निरोध के लिए, उपशमन के लिए, अभिज्ञा के लिए, संबोधि के लिए और निर्वाण के लिए यही आर्य अष्टांगिक मार्ग है। वस्तुत: प्रत्येक साधन के लिए अष्टांगिक मार्ग का अनुवर्तन करना आवश्यक माना गया है क्योंकि निर्वाण पद की प्राप्ति इसी से संभव थी।
Tags : इतिहास प्रश्नोत्तरी प्राचीन काल भारत मध्यकालीन भारत
Useful for : UPSC, State PSC, SSC, Railway, NTSE, TET, BEd, Sub-inspector Exams
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Web Title : Astangik Marg Ka Pratipadan Kiya