अपना ढेंढर देखें नहीं, दूसरे की फुल्ली निहारे का अर्थ और वाक्य प्रयोग

(A) मूल कार्य की और ध्यान जाना चाहिए
(B) अपने दुर्गुण अधिक होकर भी न देखना लेकिन दूसरे के थोड़े अवगुण को भी देखना
(C) बूढ़ा और बेकार आदमी दूसरे पर बोझ हो जाता है
(D) नीच की मित्रता-क्षण भंगुर अथवा अस्थायी होती है

Answer : अपने दुर्गुण अधिक होकर भी न देखना लेकिन दूसरे के थोड़े अवगुण को भी देखना

Explanation : अपना ढेंढर देखें नहीं, दूसरे की फुल्ली निहारे का अर्थ apna dhendhar dekhen nahi dusre ki phulli nihare है 'अपने दुर्गुण अधिक होकर भी न देखना लेकिन दूसरे के थोड़े अवगुण को भी देखना।' हिंदी लोकोक्ति अपना ढेंढर देखें नहीं, दूसरे की फुल्ली निहारे का वाक्य में प्रयोग होगा – नेता जी अपने किये गये कार्यों को नहीं देखते ऊपर से ग्राम प्रधान पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर 'अपना ढेंढर देखें नहीं दूसरे की फुल्ली निहारे' वाली कहावत को चरितार्थ करते हैं। हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ में 'अपना ढेंढर देखें नहीं, दूसरे की फुल्ली निहारे' जैसे मुहावरे कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बी.एड., सब-इंस्पेटर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होते है।
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Useful for : UPSC, State PSC, SSC, Railway, NTSE, TET, BEd, Sub-inspector Exams
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Web Title : Apna Dhendhar Dekhen Nahi Dusre Ki Phulli Nihare