अपभ्रंश का वाल्मीकि किसे कहते हैं?

(A) पुष्पदंत को
(B) धनपाल को
(C) शालिभद्र सूरि को
(D) स्वंयभू को

Answer : स्वंयभू को

Explanation : अपभ्रंश का वाल्मीकि स्वंयभू को कहते हैं। स्वयंभू रचित 'पउमचरिउ' उच्चकोटि का अपभ्रंश भाषा का काव्य है। इस काव्य की 83 संधियों को स्वयंभू ने लिखा था, बाद में उसमें सात संधियों को उनके पुत्र त्रिभुवन ने जोड़ कर काव्य को पूरा किया। स्वयंभू ने अलंकार विधान को भी नूतन ढंग से किया है। ग्राम्य कहे जाने वाले उपेक्षित उपमानों को साहित्यिक बनाकर काव्य में अद्भुत जीवन्तता लाने में सफलता प्राप्त की है। स्वयंभू के अपभ्रंश साहित्य में उपमानों एवं प्रतीकों की प्रभावकता इतनी सशक्त थी कि हिंदी के सन्त कवियों तथा रीतिकालीन कवियों ने उनसे काफी प्रेरणा प्राप्त की है।
Tags : सामान्य हिन्दी प्रश्नोत्तरी
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Web Title : Apbhransh Ka Valmiki Kise Kahte Hai