Explanation : अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस 29 जुलाई को मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य जंगली बाघों के निवास के संरक्षण एवं विस्तार को बढ़ावा देने के साथ-साथ बाघों के संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ावा है। अन्तर्राष्ट्रीय बाघ दिवस (International Tiger Day) 29 जुलाई को मनाने का फैसला वर्ष 2010 में सेंट पिट्सबर्ग बाघ समिट में लिया गया था। इस सम्मेलन में मौजूद कई देशों की सरकारों ने 2022 तक बाघों की आबादी को दोगुना करने का लक्ष्य तय किया था। लेकिन बात भारत के संदर्भ में यह प्रोजेक्ट काफी समय पूर्व से चल रहा हैै। वर्ष 1973 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने ऐसे ही एक प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी। वर्तमान में भारत पूरी दुनिया की कुल बाघों की आबादी का 70 प्रतिशत है।
विश्व में भारत के अलावा बांग्लादेश, भूटान, कंबोडिया, चीन, इंडोनेशिया, लाओ पीडीआर, मलयेशिया, म्यांमार, नेपाल, रूस, थाईलैंड और वियतनाम में बाघ पाए जाते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2018 में बाघ अनुमान रिपोर्ट जारी की थी, देश में बाघों की आबादी 2014 में 1,400 से बढ़कर 2019 में 2,977 हो गई। वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ फंड के के एक आंकड़े के अनुसार पूरी दुनिया में अभी 3900 बाघ ही बचे हैं, जबकि 1915 में ये संख्या एक लाख से ज्यादा थी। अभी बाघों की जिंदा प्रजातियों में साइबेरियन टाइगर, बंगाल टाइगर, इंडो-चाइनीज टाइगर, मलायन टाइगर, सुमात्रन टाइगर हैं। वहीं बाली टाइगर, कैस्पियन टाइगर, जावन टाइगर विलुप्त हो चुकी हैं। हालांकि, इन सबके बीच भारत में बाघों की संख्या लगातार बढ़ी है।
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