Explanation : अब्दुलरजाक गुरनाह का संबंध तंजानिया देश से है। तंजानियाई लेखक अब्दुलरजाक गुरनाह को साल 2021 के नोबेल साहित्य पुरस्कार के लिए चुना गया। उन्हें उपनिवेशवाद के प्रभावों और शरणार्थियों की समस्या को बिना समझौता किए करुणा के साथ दर्शाने के लिए इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से नवाजा गया। इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के तहत गुरनाह को एक स्वर्ण पदक के साथ 11.4 लाख डॉलर (लगभग 8.8 करोड़ रुपये) की धनराशि प्रदान की जाएगी। गुरनाह के उपन्यासों में उपनिवेशवाद के प्रभावों और शरणार्थियों की स्थिति का बेहद मार्मिक एवं काव्यात्मक वर्णन मिलता है। अब्दुलरजाक गुरनाह की प्रमुख साहित्यिक रचनाएं हैं–मेमोरी ऑफ डिपार्चर (1987), पिलग्रिम्स वे (1988), डॉटी (1990), पैराडाइज (1994), ए बाई द सी (2000), डिजर्शन (2005), माई मदर लिव्ड ऑन अ फार्म इन अफ्रीका (2006), द लास्ट गिफ्ट (2011), द अराइवर्स टेल (2016), ग्रेवल हार्ट (2017), द स्टेटलेस पर्सन्स टेल (2019)
अब्दुलरजाक गुरनाह: जीवन परिचय
● 20 दिसंबर 1948 को जांजिबार सल्तनत में हुआ था अब्दुलरजाक गुरनाह का जन्म
● 1966 में अरब नागरिकों के नरसंहार के दौरान ब्रिटेन भागे
● क्राइस्ट चर्च कॉलेज से परास्नातक, 1982 में केंट यूनिवर्सिटी से पीएचडी
● 1980 से 1983 के बीच नाइजीरिया की बेयरो यूनिवर्सिटी कानो में अंग्रेजी साहित्य पढ़ाया
● 1984 में केंट यूनिवर्सिटी से जुड़े, 2006 में रॉयल सोसायटी ऑफ लिटरेचर के सदस्य बने
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