Explanation : भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची में 22 भाषाएं शामिल हैं। संविधान की 8वीं अनुसूची के प्रति निर्देश अनुच्छेद 344(1) और 355 में राजभाषा आयोग के गठन के संबंध में प्रावधान है। अनुच्छेद 344 में यह कहा गया है कि राष्ट्रपति एक राजभाषा आयोग गठित करेगा, जिसमें एक अध्यक्ष और आठवीं अनुसूची में विनिर्दिष्ट भाषाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले सदस्य होंगे। जब संविधान 1950 में लागू किया गया था, तब उसकी 8 अनुसूची में 14 भाषाएं थीं। 21वें संशोधन अधिनियम 1967 द्वारा सिंधी को तथा 71वें संशोधन अधिनियम 1992 द्वारा कोंकणी, मणिपुरी तथा नेपाली को संविधान की 8वीं अनुसूची में जोड़ा गया। 92वें संविधान संशोधन अधिनियम 2004 द्वारा पुनः बोडो, डोंगरी, संथाली और मैथिली भाषाओं को 8वीं अनुसूची में जोड़ा गया है। अतः 8वीं अनुसूची में कुल 22 भाषाएं शामिल हैं, जो इस प्रकार हैं–असमिया, उड़िया, उर्दू, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, गुजराती, डोगरी, तमिल, तेलुगू, नेपाली, पंजाबी, बांग्ला, बोड़ो, मणिपुरी, मराठी, मलयालम, मैथिली, संथाली संस्कृत, सिंधी और हिंदी।
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1947 mein Bharat ka sanvidhan purn roop se nahin lagu hua ham logon Ko 1950 isvi mein purn rup se a Adhikar mile Dr Babasaheb Ambedkar ki Den hai