आस-पास बरसे दिल्ली पड़ी तरसे का अर्थ और वाक्य प्रयोग

(A) ताकतवर आदमी दबाव डालकर काम करवाता है
(B) जिसको आवश्यकता हो उसे न मिले
(C) बोली से ही सम्मान और बोली से अपमान होता है
(D) पैसा सबसे बलवान है

Answer : जिसको आवश्यकता हो उसे न मिले

Explanation : आस-पास बरसे दिल्ली पड़ी तरसे का अर्थ aas paas barse dilli padi tarse है ' है 'जिसको आवश्यकता हो उसे न मिले।' हिंदी लोकोक्ति आस-पास बरसे दिल्ली पड़ी तरसे का वाक्य में प्रयोग होगा – परिश्रम के बाद भी जटाशंकर को घनी बस्ती में किराये पर कमरा न मिल पाना आस-पास बरसे दिल्ली पड़ी तरसे के समान है। हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ में 'आस-पास बरसे दिल्ली पड़ी तरसे' जैसे मुहावरे कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बी.एड., सब-इंस्पेटर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होते है।
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Useful for : UPSC, State PSC, SSC, Railway, NTSE, TET, BEd, Sub-inspector Exams
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Web Title : Aas Paas Barse Dilli Padi Tarse