Explanation : आना प्रत्यय वाले शब्द – नजराना, हर्जाना, घराना, तेलंगाना, राजपूताना, मर्दाना, जुर्माना, मेहनताना, रोजाना, सालाना आदि। जिस कृदंत शब्दों से क्रिया के कर्म का बोध होता है, वे कर्मवाचक कृदंत कहलाते हैं। ये कृदंत शब्द धातुओं के अंत में आना, आवत, औना, औनी, ना, नी आदि प्रत्यय जोड़ने से बनते हैं, जैसे — मिटाना, चलाना, पढ़ाना। उसी तरह जिन प्रत्ययों के जुड़ने से संज्ञा आदि शब्द किसी स्थान विशेष के सूचक बन जाते हैं, उन्हें स्थानवाचक तद्धित कहते हैं। ये प्रत्यय हैं— आना, आड़ी, इया आदि, जैसे — राजपुताना, हिन्दुआना, तिलंगाना, अड़ियाना। बता दे कि प्रत्यय दो शब्दों प्रति + अय से मिलकर बना है। जिसका अर्थ होता है ‘साथ में, पर बाद में और 'अय' का अर्थ होता है ‘चलने वाला'। प्रत्यय दो प्रकार के होते है–1. कृदंत और 2. तद्धित।
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