आकाश किसके कारण नीला दिखाई देता है?

(A) रैले प्रकीर्णन
(B) मी प्रकीर्णन
(C) पश्च प्रकीर्णन
(D) इनमें से कोई नहीं

Question Asked : [SSC CGL Tier-IRe exam-2011 27-04-2014]

Answer : रैले प्रकीर्णन

आकाश रैले प्रकीर्णन कारण नीला दिखाई देता है। लॉर्ड रैले के अनुसार, किसी रंग का प्रकीर्णन उसकी तरंगदैर्ध्य पर निर्भर करता है तथा जिस रंग के प्रकाश का तरंगदैर्ध्य सबसे कम होता है, उस रंग का प्रकीर्णन सबसे अधिक तथा सबसे अधिक तरंगदैर्ध्य के प्रकाश के रंग का प्रकीर्णन सबसे कम होता है। अत: सूर्य के प्रकाश में बैंगनी रंग जिसका तरंगदैर्ध्य सबसे कम होता है एवं इसकी प्रकीर्णन सबसे अधिक तथा सबसे अधिक तरंगदैर्ध्य वाले लाल रंग का प्रकीर्णन सबसे कम होता है।
जब सूर्य का प्रकाश जो कि विभिन्न रंगों का मिश्रण है, वायुमंडल से होकर गुजरता है, तो वायु में उपस्थित विभिन्न अणुओं, धूल एवं धुएं के कणों द्वारा उसका प्रकीर्णन हो जाता है। दिन के समय, जब सूर्य सीधा आकाश में मनुष्य के सिर के ऊपर होता है, तो मनुष्य केवल प्रकीर्णित प्रकाश ही देख पाता है। चूंकि बैंगनी रंग का प्रकीर्णन सबसे अधिक एवं लाल रंग का सबसे कम होता है, अत: प्रकीर्णित प्रकाश का मिश्रित रंग (composite colour) हल्का नीला होता है। इसी कारण आकश नीला दिखाई देता है।
Tags : प्रकाशिकी भौतिक विज्ञान भौतिक विज्ञान प्रश्नोत्तरी
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Web Title : Aakash Kiske Karan Nila Dikhai Deta Hai