आदमी को ढाई गज कफन काफी है का अर्थ और वाक्य प्रयोग

(A) दोनों तरह से हानि
(B) छोटे में बड़ा अवगुणों में भारी
(C) इसान का धन जुटाना व्यर्थ है।
(D) छोटे लोगों का बढ़-चढ़कर बोलना

Answer : इसान का धन जुटाना व्यर्थ है।

Explanation : आदमी को ढाई गज कफन काफी है का अर्थ aadmi ko dhai gaj kafan kafi hai है 'इसान का धन जुटाना व्यर्थ है।' हिंदी लोकोक्ति आदमी को ढाई गज कफन काफी है का वाक्य में प्रयोग होगा – मनुष्य का शरीर नश्वर हैं। इस माया रूपी संसार में विरक्त भाव से जीवन जीना ही मनुष्य का उद्देश्य होना चाहिए क्योंकि अंत में मनुष्य के साथ कुछ नहीं जाता, कुछ काम नहीं आता, काम आता है तो केवल ढाई गज का कफन। कहावत भी है-आदमी को ढाई गज का कफन काफी है। हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ में 'आदमी को ढाई गज कफन काफी है' जैसे मुहावरे कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बी.एड., सब-इंस्पेटर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होते है।
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Useful for : UPSC, State PSC, SSC, Railway, NTSE, TET, BEd, Sub-inspector Exams
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Web Title : Aadmi Ko Dhai Gaj Kafan Kafi Hai