जैन धर्म (Jainism) भारत का सबसे प्राचीन धर्म है। इसके संस्थापक और प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव थे। अहिंसा जैन धर्म का मूल सिद्धान्त है। ‘जैन धर्म’ का अर्थ है-‘जिन द्वारा प्रवर्तित धर्म’ यानि जो ‘जिन’ का अनुयायी हो वह ‘जैन’ कहलायेगा। जैन दर्शन में सृष्टिकर्ता कण कण स्वतंत्र है इस सॄष्टि का या किसी जीव का कोई कर्ता धर्ता नही है।सभी जीव अपने अपने कर्मों का फल भोगते है। जैनधर्म के 23वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ थे जो काशी के इक्ष्वाकु वंशीय राजा अश्वसेन के पुत्र थे। इन्होंने 30 वर्ष की अवस्था में संन्यास जीवन को स्वीकारा। इनके द्यारा दी गयी शिक्षा थी–1. हिंसा न करना, 2. सदा सत्य बोलना, 3. चोरी न करना और 4. संपत्ति न रखना।
महावीर का जन्म 540 ईसा पूर्व में कुण्डग्राम (वैशाली) में हुआ था। इनके पिता सिद्धार्थ ‘ज्ञातुक कुल’ के सरदार थे और माता त्रिशला लिच्छवि राजा चेटक की बहन थी। महावीर की पत्नी का नाम यशोदा और पुत्री का नाम अनोज्जा प्रियदर्शनी था। महावीर के बचपन का नाम वर्धमान था। इन्होंने 30 वर्ष की उम्र में माता पिता की मृत्यु के पश्चात् अपने बड़े भाई नंदिवर्धन से अनुमति लेकर संन्यास जीवन को स्वीकारा था। महावीर ने अपना उपदेश प्राकृत (अर्धमागधी) भाषा में दिया।
2. जैन धर्म के अनुसार मुक्ति क्या है?
(A) जन्म और मृत्यु से छुटकारा (B) कर्म से छुटकारा
(C) द्रव्य से छुटकारा (D) ये सभी
3. जैन धर्म के अनुसार मुक्ति को क्या कहा जाता है?
(A) भाव मोक्ष (B) द्रव्य मोक्ष
(C) A और B दोनों (D) उपरोक्त में से कोई नहीं
4. जैन तत्त्वमीमांसा को किस रूप में जाना जाता है?
(A) प्रत्ययवादी बहुतत्त्ववाद (B) यथार्थवादी बहुतत्त्ववाद
(C) प्रत्ययवादी एकतत्त्ववाद (D) यथार्थवादी एकतत्त्ववाद
5. जैन मत के अनुसार कौन-सा अस्तिकाय द्रव्य नहीं है?
(A) जीव (B) आकाश
(C) काल (D) धर्म
6. जैन-दर्शन के अनुसार सम्यक् दर्शन का क्या अर्थ है?
(A) जीव के वास्तविक स्वरूप का ज्ञान
(B) तत्त्वज्ञान के प्रति विश्वास या श्रठ्ठा
(C) पंच महाव्रतों का ज्ञान
(D) इस बात का ज्ञान कि पुद्गल अवास्तविक है
7. जैन दर्शन के अनुसार क्या कारण है?
(A) जन्म बन्धन का कारण है और समाधि मोक्ष का कारण है
(B) आस्तव बन्धन का कारण है और निर्जरा मोक्ष का कारण है
(C) आस्तव बन्धन का कारण है और संवर मोक्ष का कारण है
(D) अधर्म बन्धन का कारण है और धर्म मोक्ष का कारण है
8. जैन नीतिशास्त्र में बन्धन दो प्रकार के स्वीकार किये हैं। एक प्रकार के बन्धन को भाव-बन्धन कहते हैं, दूसरे प्रकार के बन्धन को क्या कहेंगे?
(A) क्रिया बन्धन (B) जालन्धर बन्धन
(C) उड्डयान बन्धन (D) द्रव्य बन्धन
9. जैन धर्म के कौन से सम्प्रदाय है?
(A) दिगम्बर (B) श्वेताम्बर
(C) हीनयान (D) A और C दोनों
10. जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर कौन थे?
(A) नाभास्वामी (B) षभदेव
(C) महावीर स्वामी (D) उपरोक्त में से कोई नहीं
11. जैन नीतिशास्त्र में मानव जीवन का परम श्रेय क्या स्वीकार किया गया है?
(A) धर्म (B) अर्थ
(C) काम (D) मोक्ष
12. जैन धर्म में मोक्ष प्राप्त व्यक्ति को क्या नहीं कहते है?
(A) अर्हत (B) जिन
(C) केवली (D) बुठ्
13. जैन मतानुसार जीवन में पुद्गल प्रवाह को रोकने के मोक्ष के साधन को कहते है?
(A) त्रिरत्न (B) निर्जरा
(C) संवर (D) आश्रव
14. जैन दर्शन के अनुसार कौन-सा एक पूर्ण ज्ञान का प्रकार है?
(A) श्रुति (B) अवधि
(C) मनः पर्याय (D) कैवल्य
15. जैन धर्म में कर्म का स्वरूप किस प्रकार का है?
(A) चेतन (B) जड़
(C) A व B दोनों (D) न जड़ न चेतन
16. जैन धर्म में पुद्गल प्रवाह रोकने के मोक्ष के साधन को क्या कहते है?
(A) निर्जरा (B) संवर
(C) आश्रव (D) त्रिरत्न
17. जैन दर्शन के अनुसार मनुष्य का उद्देश्य क्या है?
(A) कैवल्य (B) समाधि
(C) निर्वाण (D) मुक्ति
18. जैनियों के अनुसार अनन्त चतुष्ट्य में क्या नहीं है?
(A) अनन्त ज्ञान (B) अनन्त ऐश्वर्या
(C) अनन्त शक्ति (D) अनन्त आनन्द
19. जैनियों के अनुसार कौन सा कर्म का भेद नहीं है?
(A) प्रारब्ध धर्म (B) मोहनीय कर्म
(C) आयुष कर्म (D) वेदनीय कर्म
20. जैन दर्शन में कर्म को किस रूप मे देख जाता है?
(A) बन्धन (B) काम
(C) मोक्ष का साधन (D) साध्