गुप्त काल में चांदी के सिक्के को क्या कहते थे?

(A) रूपक
(B) कार्षापण
(C) दीनार
(D) पण

Answer : रूपक

Explanation : गुप्त शासकों के चाँदी के सिक्के रूपक कहलाते थे। ये 32.36 ग्रेन के थे। चांदी के सिक्कों का प्रयोग स्थानीय लेन-देन में किया जाता था। गुप्त शासकों में सर्वप्रथम चन्द्रगुप्त द्वितीय ने चाँदी के सिक्के चलाए थे। दीनार सोने के, कर्षापण चांदी व तांबे के (गुप्तपूर्व) तथा पण तांबे का सिक्का था। गुप्त शासकों ने सबसे अधिक स्वर्ण मुद्राएँ जारी की। इनके ताँबे के सिक्के बहुत ही कम मिलते हैं। बयाना निधि गुप्तों की सबसे बड़ी निधि थी।
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Web Title : Gupt Kaal Mein Chandi Ke Sikke Ko Kya Kehte The