‘इन मुसलमान हरिजनन पर कोटिन हिन्दुन वारिए’ किसका कथन है?

(A) रसखान का
(B) भारतेंदु हरिश्चंद्र का
(C) आचार्य परशुराम चतुर्वेदी का
(D) सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ का

Answer : भारतेंदु हरिश्चंद्र का

Explanation : 'इन मुसलमान हरिजनन पर कोटिन हिन्दुन वारिए' कथन भारतेंदु हरिश्चंद्र का है। उन्होंने रसखान की अनन्य कृष्ण भक्ति को देखकर कहा था "इन मुसलमान कविजनन पै, कोटिक हिन्दू वारिए।" हिंदी के कृष्ण भक्त कवियों में रसखान का नाम बड़े आदर के साथ लिया जाता है मुसलमान होते हुए भी वे वैष्णव भक्ति में डूबे रहे। उनकी रचनाओं में प्रेम का अत्यन्त मनोहारी चित्रण हुआ है। कविवर रसखान प्रेम का तन्मयता, भाव विह्वलता और आसक्ति के उल्लास के लिए उतने ही प्रसिद्ध हैं, जितने अपनी भाषा मार्मिकता, शब्द चयन तथा व्यंजन शैली के लिए। भारतेंदु ने कविता, नाटक, व्‍यंग्‍य आदि विधाओं में रचनाएँ लिखी हैं। उनके कई नाटक और काव्‍य-कृतियाँ अपने प्रकाशन के तत्‍काल बाद ही प्रसिद्धि के शिखर तक पहुँच गए और आज भी उन्‍हें हिंदी की महत्‍वपूर्ण कृतियों में शुमार किया जाता है।
Tags : सामान्य हिन्दी प्रश्नोत्तरी
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Web Title : In Muslim Harijan Par Kotik Hindu Variye Kiska Kathan Hai