सूरदास को ‘जीवनोत्सव का कवि’ किसने कहा?

(A) पं. रामचंद्र शुक्ल
(B) आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी
(C) पं. महावीर प्रसाद द्विवेदी
(D) मैथिली शरण गुप्त

Answer : पं. रामचंद्र शुक्ल

Explanation : सूरदास को 'जीवनोत्सव का कवि' पं. रामचंद्र शुक्ल ने कहा था। इसके अलावा तुलसी को लोकमंगल का कवि जायसी को 'प्रेम की पीर का कवि' कहा है। सूरदास एक संत होने के साथ-साथ महान कवि और संगीतकार भी थे। अपनी रचनाओं में उन्होंने श्रीकृष्ण की लीलाओं का वर्णन किया है। सूरदास का जन्म और मृत्यु को लेकर कोई पुख्ता तथ्य न होने के कारण लोगों के अलग-अलग मत हैं। गोस्वामी हरिराय के 'भाव प्रकाश' के अनुसार सूरदास का जन्म दिल्ली के पास सीही नाम के गांव में एक अत्यन्त निर्धन ब्राह्मण परिवार में हुआ था। वहीं 'चौरासी वैष्णव की वार्ता' के आधार पर वे 1478 ईस्वी में आगरा-मथुरा रोड पर स्थित रुनकता नामक गांव में पैदा हुए थे। बाद में वे गऊघाट आकर रहने लगे। इनके पिता रामदास एक गायक थे। सूरदास जब गऊघाट में रहते थे तो इसी पर इनकी मुलाकात बल्लभाचार्य से हुई और सूरदास उनके शिष्य बन गए।
Tags : सामान्य हिन्दी प्रश्नोत्तरी
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Web Title : Surdas Ka Jeevan Utsav Ka Kavi Kisne Kaha