सतसई काव्य-परंपरा को आगे बढ़ाने कौन है?

(A) गयाप्रसाद शुक्ल स्नेही
(B) अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध
(C) वियोगी हरि
(D) अनूप शर्मा

Answer : वियोगी हरि

Explanation : सतसई काव्य-परंपरा को आगे बढ़ाने वाले श्री वियोगि हरि जी हैं। ब्रजभूमि, ब्रजभाषा और ब्रजपति के वे अनन्य उपासक हैं। वियोगी हरि जी ने 'वीर सतसई' नामक एक बड़ा काव्य दोहों में लिखा है जिसमें भारत के प्रसिद्ध वीरों की प्रशस्तियाँ हैं। इनकी अन्य प्रमुख रचनाएँ हैं-प्रेतशतक, प्रेम पथिक, प्रेमांजलि, चरखे की गूंज, चरखा स्रोत, असहयोग वीणा आदि हैं।
Tags : सामान्य हिन्दी प्रश्नोत्तरी
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Web Title : Satsai Kavya Parampara Ko Aage Badhane Kaun Hai