Explanation : पार्वती शब्द में विदेशी प्रत्यय है। हिंदी में उर्दू के ऐसे प्रत्यय प्रयुक्त होते हैं, जो मूल रूप से अरबी और फारसी भाषा से अपनाये गये हैं।
जैसे :
ई – गगरी, खुशी, दुःखी, भेदी, दोस्ती, चोरी, सर्दी, गर्मी, पार्वती, नरमी, टोकरी, झंडी, ढोलकी, लंगोटी, भारी, गुलाबी, हरी, सुखी, बिक्री, मंडली, द्रोपदी, वैदेही, बोली, हँसी, रेती, खेती, बुहारी, धमकी, बंगाली, गुजराती, पंजाबी, राजस्थानी, जयपुरी, मद्रासी, पहाड़ी, देशी, सुन्दरी, ब्राह्मणी, गुणी, विद्यार्थी, क्रोधी, लालची, लोभी, पाखण्डी, विदुषी, विदेशी, अकेली, सखी, साखी, अलबेली, सरकारी, तन्दुरी, सिन्दुरी, किशोरी, हेराफेरी, कामचोरी।
प्रत्यय (Suffix) की परिभाषा अनुसार जिसका किसी धातु अथवा शब्द से विधान किया जाता है, उसे प्रत्यय कहते हैं। दूसरे शब्दों में प्रत्यय वह शब्दांश है जो किसी शब्द या धातु के पश्चात् जुड़कर यौगिक शब्द की रचना करता है। प्रत्यय दो प्रकार के होते है— 1. कृदंत प्रत्यय और तद्धित प्रत्यय।
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