सावन से भादो दुबला क्यों का अर्थ और वाक्य प्रयोग

(A) बड़े लोग कान के कच्चे होते हैं
(B) साथी एवं प्रतिस्पर्धी से अपने को कम न समझना
(C) चुप्पा बहुत होशियार होता है
(D) रक्षक ही जब भक्षक हो जाए तो कोई विकल्प नहीं

Answer : साथी एवं प्रतिस्पर्धी से अपने को कम न समझना

Explanation : सावन से भादो दुबला क्यों का अर्थ sawan se bhadon dubla kyon है 'साथी एवं प्रतिस्पर्धी से अपने को कम न समझना।' हिंदी लोकोक्ति सावन से भादो दुबला क्यों का वाक्य में प्रयोग होगा – रामप्रसाद का मकान बन जाने पर शिव प्रसाद ने भी अपने मकान का नींव पूजन कराकर निर्माण कार्य शुरू कर दिया। सावन से भादो आखिर दुबला क्यों रहे?  हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ में 'सावन से भादो दुबला क्यों' जैसे मुहावरे कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बी.एड., सब-इंस्पेटर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होते है।
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Web Title : Sawan Se Bhadon Dubla Kyon