सौ चूहे खाकर बिल्ली चली हज को का अर्थ और वाक्य प्रयोग

(A) निर्गुणी के पास गुणवान का होना, उसके महत्व को समझने वाला, अयोग्य व्यक्ति को अधिक सम्मान देना
(B) जिसे कष्ट नहीं भोगना पड़ा हो वह दूसरे का कष्ट क्या समझे
(C) जीवन भर बुरा काम कर अंत में अच्छा बनने का ढोंग करना
(D) जहां बहुत अधिक होता है वह घटते-घटते भी पर्याप्त रह जाता है

Answer : जीवन भर बुरा काम कर अंत में अच्छा बनने का ढोंग करना

Explanation : सौ चूहे खाकर बिल्ली चली हज को का अर्थ sau chuhe khakar billi chali haj ko है 'जीवन भर बुरा काम कर अंत में अच्छा बनने का ढोंग करना।' हिंदी लोकोक्ति सौ चूहे खाकर बिल्ली चली हज को का वाक्य में प्रयोग होगा – जीवन भर दलाली और बेइमनी करने वाला सेवकराम बुढ़ापा नजदीक देख एकदम बदल गया है। चंदन रोली लगाकर किसी संत से कम नहीं लगता। ऐसे ही लोगों के लिए कहावत है 'सौ चूहे खाकर बिल्ली चली हज को'।  हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ में 'सौ चूहे खाकर बिल्ली चली हज को' जैसे मुहावरे कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बी.एड., सब-इंस्पेटर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होते है।
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Useful for : UPSC, State PSC, SSC, Railway, NTSE, TET, BEd, Sub-inspector Exams
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Web Title : Sau Chuhe Khakar Billi Chali Haj Ko