विष सोने के बर्तन में रखने से अमृत नहीं हो जाता का अर्थ और वाक्य प्रयोग

(A) दोषी होने पर बलवान भी निर्बल से डरता है
(B) मुफ्त मिली वस्तु की जांच पड़ताल नहीं की जाती
(C) किसी चीज का प्रभाव नहीं बदल जाता
(D) दो के बीच में तीसरे का बिना काम के घुस जाना

Answer : किसी चीज का प्रभाव नहीं बदल जाता

Explanation : विष सोने के बर्तन में रखने से अमृत नहीं हो जाता का अर्थ vish sone ke bartan mein rakhne se amrt nahi ho jata है 'किसी चीज का प्रभाव नहीं बदल जाता।' हिंदी लोकोक्ति विष सोने के बर्तन में रखने से अमृत नहीं हो जाता का वाक्य में प्रयोग होगा – विष्णु नारायण जी जैसे सद्विचार वाले योग्य व्यक्ति के यहां पलकर भी दुष्ट कल्लू उनके यहां के आचार-विचार नहीं सीख पाया, ग्रहण कर पाया क्योंकि विष सोने के बर्तन में रखने से अमृत नहीं हो जाता।  हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ में 'विष सोने के बर्तन में रखने से अमृत नहीं हो जाता' जैसे मुहावरे कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बी.एड., सब-इंस्पेटर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होते है।
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Useful for : UPSC, State PSC, SSC, Railway, NTSE, TET, BEd, Sub-inspector Exams
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Web Title : Vish Sone Ke Bartan Mein Rakhne Se Amrt Nahi Ho Jata