योगी था सो उठ गया आसन रही भभूत का अर्थ और वाक्य प्रयोग

(A) हल्के व्यक्ति के खोखलेपन का खुलासा
(B) पुराना गौरव समाप्त
(C) केवल दिखावा
(D) दोष किसी का फल कोई और भोगे

Answer : पुराना गौरव समाप्त

Explanation : योगी था सो उठ गया आसन रही भभूत का अर्थ yogi tha so uth gaya aasan rahi bhabhut है 'पुराना गौरव समाप्त।' हिंदी लोकोक्ति योगी था सो उठ गया आसन रही भभूत का वाक्य में प्रयोग होगा – राजा दिनेश सिंह की मृत्यु के बाद कालाकांकर का हाल 'योगी था सो उठ गया आसन रही भभूत' जैसा हो गया।  हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ में 'योगी था सो उठ गया आसन रही भभूत' जैसे मुहावरे कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बी.एड., सब-इंस्पेटर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होते है।
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Web Title : Yogi Tha So Uth Gaya Aasan Rahi Bhabhut