मर्ज बढ़ता गया ज्यों ज्यों दवा की का अर्थ और वाक्य प्रयोग

(A) दूसरों का बुरा चाहने वाले का खुद बुरा होता है
(B) अच्छे व्यक्ति की निंदा से उसका कुछ नहीं बिगड़ता
(C) बेकार आदमी उल्टे-सीधे काम करता रहात है
(D) सुधार के बजाय बिगाड़ होता गया

Answer : सुधार के बजाय बिगाड़ होता गया

Explanation : मर्ज बढ़ता गया ज्यों ज्यों दवा की का अर्थ marz badhta gaya jyon jyon dava ki है 'सुधार के बजाय बिगाड़ होता गया।' हिंदी लोकोक्ति मर्ज बढ़ता गया ज्यों ज्यों दवा की का वाक्य में प्रयोग होगा – सभा में चलने के लिए धीरेन्द्र लाल का जितना अधिक मान मनौव्वल पार्टी के लोगों द्वारा हो रहा है उतना ही अधिक वे दृढ़ होते जा रहे हैं सभा स्थल पर न जाने के ​लिए। 'मर्ज बढ़ता गया ज्यों-ज्यों, दवा की' वाली कहावत यहां यथार्थ रूप में चरितार्थ है।  हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ में 'मर्ज बढ़ता गया ज्यों ज्यों दवा की' जैसे मुहावरे कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बी.एड., सब-इंस्पेटर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होते है।
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Useful for : UPSC, State PSC, SSC, Railway, NTSE, TET, BEd, Sub-inspector Exams
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Web Title : Marz Badhta Gaya Jyon Jyon Dava Ki