भौंर न छांड़े केतकी तीखे कंटक जान का अर्थ और वाक्य प्रयोग

(A) प्राय: स्थिति में उलट-फेर हुआ करता है
(B) मूर्ख सब जगह मिलते हैं, काबुल घोड़ों के लिए प्रसिद्ध है लेकिन वहां भी आखिर गधे तो होते ही हैं।
(C) अवसर निकल जाने पर सहायता देना व्यर्थ है
(D) सच्चे प्रेमी विघ्न बाधाओं की परवाह न करते हुए अपनी प्रेमिका को नहीं छोड़ते

Answer : सच्चे प्रेमी विघ्न बाधाओं की परवाह न करते हुए अपनी प्रेमिका को नहीं छोड़ते

Explanation : भौंर न छांड़े केतकी तीखे कंटक जान का अर्थ bhaunr na chhande ketaki tikhe kantak jaan है 'सच्चे प्रेमी विघ्न बाधाओं की परवाह न करते हुए अपनी प्रेमिका को नहीं छोड़ते।' हिंदी लोकोक्ति भौंर न छांड़े केतकी तीखे कंटक जान का वाक्य में प्रयोग होगा – परिवार वालों के लाख समझाने एवं धमकी के बावजूद रामनरेश ने अपनी प्रेमिका सुधा से प्रेम विवाह कर लिया। सच ही कहा है– भौंर न छांड़े केतकी तीखे कंटक जान।  हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ में 'भौंर न छांड़े केतकी तीखे कंटक जान' जैसे मुहावरे कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बी.एड., सब-इंस्पेटर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होते है।
Tags : लोकोक्तियाँ एवं मुहावरे हिंदी लोकोक्तियाँ हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ
Useful for : UPSC, State PSC, SSC, Railway, NTSE, TET, BEd, Sub-inspector Exams
करेंट अफेयर्स 2023 और नवीनतम जीके अपडेट के लिए GK Prashn Uttar YouTube चैनल को सब्सक्राइब करें
Related Questions
Web Title : Bhaunr Na Chhande Ketaki Tikhe Kantak Jaan