भरी गगरिया चुपके जाय का अर्थ और वाक्य प्रयोग

(A) अपर्याप्त, अल्प
(B) अनमेल संयोग
(C) ज्ञानी आदमी गंभीर होता है
(D) काम म का परिणाम अनिश्चित होना

Answer : ज्ञानी आदमी गंभीर होता है

Explanation : भरी गगरिया चुपके जाय का अर्थ bhari gagariya chupke jaye है 'ज्ञानी आदमी गंभीर होता है।' हिंदी लोकोक्ति भरी गगरिया चुपके जाय का वाक्य में प्रयोग होगा – महात्मा जी ज्ञानी और गंभीर हैं। वे अधजल गगरी छलकत जाए जैसे न होकर भरी गगरिया चुपके जाय जैसे हैं।  हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ में 'भरी गगरिया चुपके जाय' जैसे मुहावरे कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बी.एड., सब-इंस्पेटर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होते है।
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Useful for : UPSC, State PSC, SSC, Railway, NTSE, TET, BEd, Sub-inspector Exams
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Web Title : Bhari Gagariya Chupke Jaye