बड़ों के कान होते हैं, आंखें नहीं का अर्थ और वाक्य प्रयोग

(A) बड़े लोग कान के कच्चे होते हैं
(B) अनमेल वस्तुओं का संयोग
(C) धर में भूजी भांग नहीं; फिर भी दानखाता पर बैठना
(D) कारण के नष्ट होने पर कार्य अपने आप समाप्त हो जाता है

Answer : बड़े लोग कान के कच्चे होते हैं

Explanation : बड़ों के कान होते हैं, आंखें नहीं का अर्थ badon ke kaan hote hain aankhen nahin है 'बड़े लोग कान के कच्चे होते हैं।' हिंदी लोकोक्ति बड़ों के कान होते हैं, आंखें नहीं का वाक्य में प्रयोग होगा – रमेश भइया इस क्षेत्र के प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं। सब अच्छाइयां उनमें हैं सिर्फ एक कमी है, वह है– वे कान के कच्चे हैं, सुनी सुनाई बात पर विश्वास कर लेते हैं जिससे कई बार बेकसूर दण्डित हुए हैं। 'बंड़ों के कान होते है, आंखें नहीं' कहावत बिल्कुल यथार्थ है।  हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ में 'बड़ों के कान होते हैं, आंखें नहीं' जैसे मुहावरे कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बी.एड., सब-इंस्पेटर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होते है।
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Useful for : UPSC, State PSC, SSC, Railway, NTSE, TET, BEd, Sub-inspector Exams
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Web Title : Badon Ke Kaan Hote Hain Aankhen Nahin