बारह बरस दिल्ली में रहे भार ही झोंका का अर्थ और वाक्य प्रयोग

(A) अच्छे ठिकाने पर पहुंचर भी उन्नति न कर सके वाला
(B) अपने काम से काम रखना लोगों की न सुनना
(C) बड़ा काम बड़े ही कर सकते हैं
(D) बेमौके की बात/ अनमेल काम

Answer : अच्छे ठिकाने पर पहुंचर भी उन्नति न कर सके वाला

Explanation : बारह बरस दिल्ली में रहे भार ही झोंका का अर्थ barah baras dilli mein rahe bhar he jhonka है 'अच्छे ठिकाने पर पहुंचर भी उन्नति न कर सके वाला।' हिंदी लोकोक्ति बारह बरस दिल्ली में रहे भार ही झोंका का वाक्य में प्रयोग होगा – इतना दिन घर-बार छोड़कर बाहर कमाई क्या किये? – एकदम कंगाल ही रहे, यानि बारह बरस दिल्ली में रहे भार ही झोंका।  हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ में 'बारह बरस दिल्ली में रहे भार ही झोंका' जैसे मुहावरे कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बी.एड., सब-इंस्पेटर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होते है।
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Web Title : Barah Baras Dilli Mein Rahe Bhar He Jhonka