बकरे की मां कब तक खैर मनाएगी का अर्थ और वाक्य प्रयोग

(A) आदतें पक्की होती हैं, बदलती नहीं
(B) किसी दिन आपत्ति अवश्य आयेगी
(C) अपराधी आखिर एक दिन फंस ही जायेगा
(D) साझे का काम फजीहत का काम

Answer : किसी दिन आपत्ति अवश्य आयेगी

Explanation : बकरे की मां कब तक खैर मनाएगी का अर्थ bakre ki maa kab tak khair manayegi है 'किसी दिन आपत्ति अवश्य आयेगी।' हिंदी लोकोक्ति बकरे की मां कब तक खैर मनाएगी का वाक्य में प्रयोग होगा – इसी तरह से यदि वह बुरे काम करता रहा तो एक दिन अवश्य ही पुलिस द्वारा पकड़ा जायेगा। आखिर बकरे की मां कब तक खैर मनायेगी?  हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ में 'बकरे की मां कब तक खैर मनाएगी' जैसे मुहावरे कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बी.एड., सब-इंस्पेटर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होते है।
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Useful for : UPSC, State PSC, SSC, Railway, NTSE, TET, BEd, Sub-inspector Exams
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Web Title : Bakre Ki Maa Kab Tak Khair Manayegi