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जाके पाँव न फटी बिवाई वो क्या जाने पीर पराई का अर्थ और वाक्य प्रयोग
April 28, 2020
(A) अवसर बीत जाने पर चेष्टा व्यर्थ
(B) जांच के लिए थोड़ा सा नमूना ही लिया जाता है (C) जिसने स्वयं दु:ख नहीं झेला है, वह दूसरे के दु:ख को नहीं समझ सकता
(D) समय आने पर परिश्रम सफल होता है
Answer :जिसने स्वयं दु:ख नहीं झेला है, वह दूसरे के दु:ख को नहीं समझ सकता
Explanation : जाके पाँव न फटी बिवाई वो क्या जाने पीर पराई का अर्थ jake panv na fati bewai vo kya jane peer parai है 'जिसने स्वयं दु:ख नहीं झेला है, वह दूसरे के दु:ख को नहीं समझ सकता।' हिंदी लोकोक्ति जाके पाँव न फटी बिवाई वो क्या जाने पीर पराई का वाक्य में प्रयोग होगा – तुम मेरे दु:ख दर्द को नहीं समय सकते क्योंकि फटी न जाके पांव बिवाई सो क्या जाने पीर पराई। हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ में 'जाके पाँव न फटी बिवाई वो क्या जाने पीर पराई' जैसे मुहावरे कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बी.एड., सब-इंस्पेटर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होते है।....अगला सवाल पढ़े
Explanation : सेस गनेस महेस दिनेस, सुरेसहु जाहि निरंतर गावै। पंक्ति में अनुप्रास अलंकार है। अनुप्रास अलंकार की परिभाषा – जहाँ व्यंजनों की आवृत्ति बार-बार हो, चाहे उनके स्वर मिलें या न मिलें वहाँ अनुप्रास अलंकार होता है। अनुप्रास अलंकार शब्दाल ...Read More
Explanation : ज्ञानोदय पत्रिका के संपादक कन्हैयालाल मिश्र ‘प्रभाकर’ थे। कन्हैयालाल हिन्दी के कथाकार, निबंधकार, पत्रकार तथा स्वतंत्रता सेनानी थे। उनका जन्म 29 मई, 1906 में देवबंद गांव, जिला सहारनपुर में हुआ। उन्होंने "विकास", "ज्ञानोदय" और "नया ...Read More
Explanation : भाषा की सबसे छोटी इकाई को वर्ण कहते हैं। वर्ण का दूसरा नाम अक्षर है। अक्षर शब्द का अर्थ ही होता है–अनाशवान। अत: वर्ण अखंड मूल ध्वनि का नाम है। वह किसी शब्द का वह खंड है, जिसे खंड-खंड नहीं किया जा सकता, जिसका विभाजन नहीं किया जा ...Read More
Explanation : चरन कमल बंदौ हरि राइ में रूपक अलंकार है। जहां उपमेय को उपमान के रूप में कर दिया जाए वहां रूपक अलंकार होता है। दूसरे शब्दों में कहें तो जहां उपमेय और उपमान का अंतर समाप्त करके दोनों में एकरूपता दिखाई जाए, वहां रूपक अलंकार क ...Read More
Explanation : आप संस्कृत भाषा (Sanskrit Language) का शब्द है। दरअसल आप वैदिक संस्कृत में जल के लिए शब्द है। प्राचीन वैदिक संस्कृत जब शास्त्रीय संस्कृत में परिवर्तित हो गई तो यह शब्द केवल बहुवचन रूप में देखा जाने लगा, जो 'आपस' है। इसी शब्द का अ ...Read More
Explanation : 'फणीन्द्र' का संधि-विच्छेद फणी + इन्द्रहोगा। इसमें दीर्घ संधि (Dirgha Sandhi) है। दीर्घ संधि (अकः सवर्णे दीर्घः) की परिभाषा के अनुसार यदि प्रथम शब्द के अंत में ह्स्व अथवा दीर्घ अ, इ, उ, ऋ में से कोई एक वर्ण हो और द्वितीय श ...Read More
Explanation : बुआ शब्द स्त्रीलिंग है और इसका पुल्लिंग शब्द 'फूफा' होगा। बुआ का अर्थ है– 1. पिता की बहन 2. बड़ी बहन (बड़ी बहन को मुस्लिम लोग बुआ या फूफी कहते हैं)। हिन्दी में कुछ शब्द स्त्री-पुरुष के स्वंय में ही जोड़े होते हैं और कुछ स्त्रीलिंग ...Read More
Explanation : पेड़ (Ped) का पर्यायवाची शब्द है– रुख, तरु, वृक्ष, विटप, दरख्त, द्रुभ, पादप, कुट, कुज, बिरवा, भूमिरुह, द्रोण, शाखी। पेड़ शब्द का एकवचन में वाक्य प्रयोग– आंगन में एक बड़ा बरगद का पेड़ था। बहुवचन शब्द का वाक्य प्रयोग– सड़क के किनार ...Read More
Explanation : खेत रहना मुहावरे का अर्थ संग्राम में मारा जाना या शहीद होना है। खेत रहना मुहावरे का वाक्य प्रयोग – 1. कारगिल युद्ध में पाकिस्तान के अनेकों घुसपैठिये खेत रहे। 2. आतंकवादियों से मुठभेड़ में कई भारतीय सैनिक खेत रह गए। मुहावरा शब्द ...Read More
Explanation : संधि के तीन प्रकार होते हैं। जब दो-या-दो से अधिक वर्षों के मूल से जो विकार उत्पन्न होता है, उसे संधि कहते हैं। संधि मुख्यत: तीन प्रकार की होती है– 1. स्वर संधि – स्वर के साथ स्वर के मेल से उत्पन्न विकार को स्वर संधि ...Read More
Web Title : Jake Panv Na Fati Bewai Vo Kya Jane Peer Parai