ना रहे बांस ना बजेगी बांसुरी का अर्थ और वाक्य प्रयोग

(A) शुभ कार्य के देर अच्छी नहीं
(B) अहं के टकराव में कार्य शुरू न हो पाना
(C) झगड़े के मूल कारण को मिटाना, फलस्वरूप झगड़े की स्थिति ही न पैदा हो
(D) सामर्थ्य के अनुसार ही हमें व्यय करना चाहिए

Answer : झगड़े के मूल कारण को मिटाना, फलस्वरूप झगड़े की स्थिति ही न पैदा हो

Explanation : ना रहे बांस ना बजेगी बांसुरी का अर्थ na rahe baans na bajegi bansuri है 'झगड़े के मूल कारण को मिटाना, फलस्वरूप झगड़े की स्थिति ही न पैदा हो।' हिंदी लोकोक्ति ना रहे बांस ना बजेगी बांसुरी का वाक्य में प्रयोग होगा – यदि यह पुस्तक ही झगड़े को कारण है तो मैं इसे फाड़कर फेंक देता हूं– न रहे बांस, न बजे बांसुरी  हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ में 'ना रहे बांस ना बजेगी बांसुरी' जैसे मुहावरे कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बी.एड., सब-इंस्पेटर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होते है।
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Useful for : UPSC, State PSC, SSC, Railway, NTSE, TET, BEd, Sub-inspector Exams
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Web Title : Na Rahe Baans Na Bajegi Bansuri