धोबी रोवे धुलाई को, मियां रोवे कपड़े को का अर्थ और वाक्य प्रयोग

(A) सभी अपने-अपने नुकसान की बात करते हैं
(B) निर्द्वन्द्व व्यक्ति सुखी रहता है, तटस्थ रहना
(C) चालकी में मात देना, चालाकी समझ जाना
(D) अपराध और करे दण्ड और को मिले

Answer : सभी अपने-अपने नुकसान की बात करते हैं

Explanation : धोबी रोवे धुलाई को, मियां रोवे कपड़े को का अर्थ dhobi rove dhulai ko miyaan rove kapade ko है 'सभी अपने-अपने नुकसान की बात करते हैं।' हिंदी लोकोक्ति धोबी रोवे धुलाई को, मियां रोवे कपड़े को का वाक्य में प्रयोग होगा – किसी सार्वजनिक स्थल पर किसी अति विशिष्ट व्यक्ति के आने पर पुलिस व्यवस्था एवं भीड़ से वहां का सार्वजनिक जीवन अव्यवस्थित हो जाता है जिसके कारण सभी को नुकसान होता है और धोबी रावे धुलाई को, मियां रोवे कपड़े को वाली कहावत चरितार्थ होती है।  हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ में 'धोबी रोवे धुलाई को, मियां रोवे कपड़े को' जैसे मुहावरे कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बी.एड., सब-इंस्पेटर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होते है।
Tags : लोकोक्तियाँ एवं मुहावरे हिंदी लोकोक्तियाँ हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ
Useful for : UPSC, State PSC, SSC, Railway, NTSE, TET, BEd, Sub-inspector Exams
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Web Title : Dhobi Rove Dhulai Ko Miyaan Rove Kapade Ko