दुविधा में दोऊ गए माया मिली न राम का अर्थ और वाक्य प्रयोग

(A) जाति स्वभाव नहीं छूटता। जातीय संस्कार जीवन भर रहते हैं
(B) अपराधी सदैव सशंकित रहता है
(C) अस्थिर, अनिश्चात्मक धारणा हानिकर होती है, मन की स्थिरता कल्याणकर है
(D) दो दलों को लड़ाने का प्रयत्न

Answer : अस्थिर, अनिश्चात्मक धारणा हानिकर होती है, मन की स्थिरता कल्याणकर है

Explanation : दुविधा में दोऊ गए माया मिली न राम का अर्थ duvidha me dou gaye maya mili na ram है 'अस्थिर, अनिश्चात्मक धारणा हानिकर होती है, मन की स्थिरता कल्याणकर है।' हिंदी लोकोक्ति दुविधा में दोऊ गए माया मिली न राम का वाक्य में प्रयोग होगा – जो लोग असमय ही अतिशय धार्मिकता के वशीभूत होकर भौतिक उन्नति की उपेक्षा करते हैं वे प्राय: बाद में निराशाग्रस्त होते हैं और अनुभव करते हैं कि दुविधा में दोऊ गये, माया मिली न राम।  हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ में 'दुविधा में दोऊ गए माया मिली न राम' जैसे मुहावरे कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बी.एड., सब-इंस्पेटर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होते है।
Tags : लोकोक्तियाँ एवं मुहावरे हिंदी लोकोक्तियाँ हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ
Useful for : UPSC, State PSC, SSC, Railway, NTSE, TET, BEd, Sub-inspector Exams
करेंट अफेयर्स 2023 और नवीनतम जीके अपडेट के लिए GK Prashn Uttar YouTube चैनल को सब्सक्राइब करें
Related Questions
Web Title : Duvidha Me Dou Gaye Maya Mili Na Ram