जितनी चादर हो उतना ही पैर फैलाना चाहिए का अर्थ और वाक्य प्रयोग

(A) भले बुरे व्यक्ति की पहचान एक ही बार में सदा के लिए हो जाती है
(B) ईश्वर के भरोसे छोड़ देना
(C) सामर्थ्य के अनुसार काम करना
(D) किसी से कुछ प्रयोजन न रखना

Answer : सामर्थ्य के अनुसार काम करना

Explanation : जितनी चादर हो उतना ही पैर फैलाना चाहिए का अर्थ jitni chadar ho utna hi pair failana chahiye है 'सामर्थ्य के अनुसार काम करना।' हिंदी लोकोक्ति जितनी चादर हो उतना ही पैर फैलाना चाहिए का वाक्य में प्रयोग होगा – शादी में आपको सोच-समझकर खर्च करना चाहिए था क्योंकि जितनी चादर हो उतना ही पैर पसारना चाहिए। हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ में 'जितनी चादर हो उतना ही पैर फैलाना चाहिए' जैसे मुहावरे कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बी.एड., सब-इंस्पेटर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होते है।
Tags : लोकोक्तियाँ एवं मुहावरे हिंदी लोकोक्तियाँ हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ
Useful for : UPSC, State PSC, SSC, Railway, NTSE, TET, BEd, Sub-inspector Exams
करेंट अफेयर्स 2023 और नवीनतम जीके अपडेट के लिए GK Prashn Uttar YouTube चैनल को सब्सक्राइब करें
Related Questions
Web Title : Jitni Chadar Ho Utna Hi Pair Failana Chahiye