चने के साथ कहीं घुन न पिस जाए का अर्थ और वाक्य प्रयोग

(A) दोषी के साथ कहीं निर्दोष न फंसे
(B) लोगों को निन्दा करने से कोई नहीं रोक सकता
(C) जिसका जो हक है वह उसे न मिलकर दूसरे को मिले
(D) दूसरे की चीज अच्छी लगती है

Answer : दोषी के साथ कहीं निर्दोष न फंसे

Explanation : चने के साथ कहीं घुन न पिस जाए का अर्थ chane ke saath kahi ghun na pis jaye है 'दोषी के साथ कहीं निर्दोष न फंसे।' हिंदी लोकोक्ति चने के साथ कहीं घुन न पिस जाए का वाक्य में प्रयोग होगा – पुलिस वाले मुठभेढ़ में मारने के लिए असामाजिक तत्व निर्मल को ढूंढ़ रहे थे, और ये भी डार रहे थे कि चने के साथ कहीं घुन भी न पिस जाए। हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ में 'चने के साथ कहीं घुन न पिस जाए' जैसे मुहावरे कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बी.एड., सब-इंस्पेटर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होते है।
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Useful for : UPSC, State PSC, SSC, Railway, NTSE, TET, BEd, Sub-inspector Exams
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Web Title : Chane Ke Saath Kahi Ghun Na Pis Jaye