घड़ी में घर जले नौ घड़ी भद्रा का अर्थ और वाक्य प्रयोग

(A) अथक प्रयास एवं नुकसान के बावजूद भी प्रशंसा न होना
(B) हर हालत में अपना ही फायदा
(C) समय पर काम न हुआ तो उसका होना न होना बराबर है
(D) जहां कुछ भी बचने का संम्भावना न हो

Answer : समय पर काम न हुआ तो उसका होना न होना बराबर है

Explanation : घड़ी में घर जले नौ घड़ी भद्रा का अर्थ ghadi mein ghar jale nau ghadi bhadra है 'समय पर काम न हुआ तो उसका होना न होना बराबर है।' हिंदी लोकोक्ति घड़ी में घर जले नौ घड़ी भद्रा का वाक्य में प्रयोग होगा – लेखक की पत्नी मरी पड़ी थी। लेखक कफन तक नहीं दे सकता था अपनी पत्नी को। जब वह अपने प्रकाशक से कुछ रुपये का याचना करने लगा तब प्रकाशक ने 'कल' आने के लिए कहा। कल का रुपया किस काम आता-घड़ी में घर जले, नौ घड़ी भद्रा। हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ में 'घड़ी में घर जले नौ घड़ी भद्रा' जैसे मुहावरे कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बी.एड., सब-इंस्पेटर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होते है।
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Useful for : UPSC, State PSC, SSC, Railway, NTSE, TET, BEd, Sub-inspector Exams
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Web Title : Ghadi Mein Ghar Jale Nau Ghadi Bhadra