गये रोजा छुड़ाने नमाज गले पड़ी का अर्थ और वाक्य प्रयोग

(A) किसी को पद या अधिकार मिलने से हम पर कोई प्रभाव नहीं होना
(B) सतत प्रयत्न से सफलता प्राप्त होती हैं
(C) देखा-देखी काम करना
(D) सुख-प्राप्ति के लिए परेशान होने पर दु:ख को पीछे पड़ जाना

Answer : सुख-प्राप्ति के लिए परेशान होने पर दु:ख को पीछे पड़ जाना

Explanation : गये रोजा छुड़ाने नमाज गले पड़ी का अर्थ gaye roja chhudane namaz gale padi है 'सुख-प्राप्ति के लिए परेशान होने पर दु:ख को पीछे पड़ जाना।' हिंदी लोकोक्ति गये रोजा छुड़ाने नमाज गले पड़ी का वाक्य में प्रयोग होगा – वह अपने उच्चाधिकारी के यहां रात की ड्यूटी से मुक्ति की प्रार्थना करने गया था लेकिन कुछ सिपाहियों के छुट्टी पर होने के कारण उस पर रात और दिन दोनों की जिम्मेदारी डाल दी गयी। गए थे रोजा छुड़ाने नमाज गले पड़ी। हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ में 'गये रोजा छुड़ाने नमाज गले पड़ी' जैसे मुहावरे कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बी.एड., सब-इंस्पेटर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होते है।
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Useful for : UPSC, State PSC, SSC, Railway, NTSE, TET, BEd, Sub-inspector Exams
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Web Title : Gaye Roja Chhudane Namaz Gale Padi