काजी जी दुबले क्यों शहर के अंदेशे से का अर्थ और वाक्य प्रयोग

(A) भले बुरे व्यक्ति की पहचान एक ही बार में सदा के लिए हो जाती है
(B) ईश्वर के भरोसे छोड़ देना
(C) अपनी चिंता न करके दूसरों की चिंता करना
(D) किसी से कुछ प्रयोजन न रखना

Answer : अपनी चिंता न करके दूसरों की चिंता करना

Explanation : काजी जी दुबले क्यों शहर के अंदेशे से का अर्थ kaji ji duble kyon shahar ke andeshe se है 'अपनी चिंता न करके दूसरों की चिंता करना।' हिंदी लोकोक्तिकाजी जी दुबले क्यों शहर के अंदेशे से का वाक्य में प्रयोग होगा – गिरधर मालवीय का हमेशा अपने पड़ोसियों के लिए परेशान रहना एवं नुक्त चीनी करते रहना मुझे वैसा ही लगता है जैसे काजी जी दुबले क्यों शहर कें अंदेशे से। हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ में 'काजी जी दुबले क्यों शहर के अंदेशे से' जैसे मुहावरे कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बी.एड., सब-इंस्पेटर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होते है।
Tags : लोकोक्तियाँ एवं मुहावरे हिंदी लोकोक्तियाँ हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ
Useful for : UPSC, State PSC, SSC, Railway, NTSE, TET, BEd, Sub-inspector Exams
करेंट अफेयर्स 2023 और नवीनतम जीके अपडेट के लिए GK Prashn Uttar YouTube चैनल को सब्सक्राइब करें
Related Questions
Web Title : Kaji Ji Duble Kyon Shahar Ke Andeshe Se