कभी घन घना, कभी मुट्टी भर चना, कभी वह भी मना का अर्थ और वाक्य प्रयोग

(A) मार से सब डरते हैं
(B) जो कुछ मिले, उसी पर सन्तुष्ट रहना। मनुष्य की स्थिति समान नहीं रहती
(C) सीमित पहुंच होना
(D) अपनी शक्ति से बढ़कर बात करना

Answer : जो कुछ मिले, उसी पर सन्तुष्ट रहना। मनुष्य की स्थिति समान नहीं रहती

Explanation : कभी घन घना, कभी मुट्टी भर चना, कभी वह भी मना का अर्थ kabhi ghan ghana kabhi muthi bhar chana kabhi vah bhi mana है 'जो कुछ मिले, उसी पर सन्तुष्ट रहना। मनुष्य की स्थिति समान नहीं रहती।' हिंदी लोकोक्ति कभी घन घना, कभी मुट्टी भर चना, कभी वह भी मना का वाक्य में प्रयोग होगा – पंडित जी बहुत ही सीधे और सरल अक्सर 'कभी घन घना, कभी मुट्ठी भर चना, कभी वह भी मना' वाली स्थिति मनुष्य के सामने आती है। हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ में 'कभी घन घना, कभी मुट्टी भर चना, कभी वह भी मना' जैसे मुहावरे कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बी.एड., सब-इंस्पेटर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होते है।
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Useful for : UPSC, State PSC, SSC, Railway, NTSE, TET, BEd, Sub-inspector Exams
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Web Title : Kabhi Ghan Ghana Kabhi Muthi Bhar Chana Kabhi Vah Bhi Mana