आपा तजे हरी भजे का अर्थ और वाक्य प्रयोग

(A) जब हर एक का कथन भिन्न हो
(B) स्वार्थ छोड़ने से ही परमार्थ होता हैं।
(C) मजदूरी के अनुसार काम
(D) दो आदमियों का एक समान अवगुणी होना

Answer : स्वार्थ छोड़ने से ही परमार्थ होता हैं।

Explanation : आपा तजे हरी भजे का अर्थ aapa taje hari bhaje है 'स्वार्थ छोड़ने से ही परमार्थ होता हैं।' हिंदी लोकोक्ति आपा तजे हरी भजे का वाक्य में प्रयोग होगा – पहले आप समाज सेवक बनिए। समाज सेवा करके ही आप विधायक बनने का समपना देख सकते हैं क्यों आपा तजे तो हरि को भजे। हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ में 'आपा तजे हरी भजे' जैसे मुहावरे कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बी.एड., सब-इंस्पेटर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होते है।
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Web Title : Aapa Taje Hari Bhaje