अशर्फी की लूट और कोयले पर छाप का अर्थ और वाक्य प्रयोग

(A) मूल्यवान वस्तु की अपेक्षा तुच्छ वस्तु का ध्यान, अल्प-व्यय पर सतर्कता
(B) अनमेल वस्तुओं का संयोग
(C) धर में भूजी भांग नहीं; फिर भी दानखाता पर बैठना
(D) कारण के नष्ट होने पर कार्य अपने आप समाप्त हो जाता है

Answer : मूल्यवान वस्तु की अपेक्षा तुच्छ वस्तु का ध्यान, अल्प-व्यय पर सतर्कता

Explanation : अशर्फी की लूट और कोयले पर छाप का अर्थ asharfi ki loot aur koyle par chhap है 'मूल्यवान वस्तु की अपेक्षा तुच्छ वस्तु का ध्यान, अल्प-व्यय पर सतर्कता।' हिंदी लोकोक्ति अशर्फी की लूट और कोयले पर छाप का वाक्य में प्रयोग होगा – रमेश ने अपनी बहन की शादी के अवसर पर बहुत बढ़िया दावत दी, परन्तु पान तम्बाकू में कंजूसी करके अशर्फियां लुटे, कायेलों पर मुहर को चरितार्थ कर दिया। हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ में 'अशर्फी की लूट और कोयले पर छाप' जैसे मुहावरे कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बी.एड., सब-इंस्पेटर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होते है।
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Useful for : UPSC, State PSC, SSC, Railway, NTSE, TET, BEd, Sub-inspector Exams
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Web Title : Asharfi Ki Loot Aur Koyle Par Chhap