अपनी नाक कटे तो कटे; दूसरे का सगुन तो बिगड़े का अर्थ और वाक्य प्रयोग

(A) दूसरों को हानि पहुंचाने के लिए स्वयं की हानि के लिए भी तैयार रहना
(B) सदा वर्तमान की ही चिंता करनी चाहिए
(C) संसाधान की कमी से अयोग्य बनना
(D) अपने पास रखी चीज पर ही भरोसा किया जा सकता है

Answer : दूसरों को हानि पहुंचाने के लिए स्वयं की हानि के लिए भी तैयार रहना

Explanation : अपनी नाक कटे तो कटे; दूसरे का सगुन तो बिगड़े का अर्थ apni naak kate to kate dusre ka sagun to bigade है 'दूसरों को हानि पहुंचाने के लिए स्वयं की हानि के लिए भी तैयार रहना।' हिंदी लोकोक्ति अपनी नाक कटे तो कटे; दूसरे का सगुन तो बिगड़े का वाक्य में प्रयोग होगा – नगर निगम में अतिक्रमण की शिकायत करने में मेरी चहारदीवारी ही टूटेगी लेकिन पड़ोसी की बालकनी सहित बरामदा भी टूट जायेगा अपनी नाक कटे तो कटे दूसरे का सगुन तो बिगड़े। हिन्दी मुहावरे और लोकोक्तियाँ में 'अपनी नाक कटे तो कटे; दूसरे का सगुन तो बिगड़े' जैसे मुहावरे कई प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे संघ लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, बी.एड., सब-इंस्पेटर, बैंक भर्ती परीक्षा, समूह 'ग' सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों की प्रवेश परीक्षाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित होते है।
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Web Title : Apni Naak Kate To Kate Dusre Ka Sagun To Bigade