Explanation : हरियाणा का राजकीय पक्षी ब्लैक फ्रैंकोलीन (काला तीतर) है। जो उत्तर और मध्य भारत के अधिकांश क्षेत्र में पाया जाता है। सुंदर ठूंठ पूंछ वाला साहसी पक्षी काला तीतर सीमावर्ती झीलों, खेत और झाडि़यों के पास पाया जाता है। इनका मुख्य भोजन अनाज, घास के बीज, झाड़ियो के गिरे हुए फल, शिकार, कंद, दीमक, चींटियां और कीड़े मकोड़े हैं। यह फसल, घास और झाड़ियों को पसंद करते हैं, जो आश्रय प्रदान करने के लिए काफी लंबे, और जमीन पर आसानी से बचने के लिए नीचे खुले होते हैं। यह भूरे फ्रैंकलीन की अपेक्षा पानी के साथ और अधिक जुड़ा होता है।
नर काले तीतर काले रंग के होते हैं, इसके गाल पर सफेद धब्बे, एक भूरा गला और पार्श्व भाग में भी सफेद धब्बे होते हैं। पीठ और पंख उप टर्मिनल गहरे पीले-शौकीन बैंड और पीले किनारों के साथ सुनहरे भूरे रंग के सीप के समान होते हैं। पूँछ संकीर्ण सफेद पट्टियों के साथ काले रंग की होती हैं। पैर लाल-भूरे से लाल रंग के होते हैं। मादा फ्रैंकलीन नर काले तीतर के समान ही होते हैं, लेकिन, पीठ के निचले हिस्से पर व्यापक भूरे रंग के सलाखों के साथ, पीले होते हैं। गाल में सफेद धब्बे नहीं होते हैं, और भूरे गले के बदले ग्रीवापश्च में एक धब्बा पाया जाता है।....अगला सवाल पढ़े
Explanation : हरियाणा में सबसे ज्यादा गुरुद्वारे कैथल जिले में है। इसलिए इसे गुरुद्वारों का शहर भी कहा जाता है। कैथल का संस्कृत नाम कपिस्थल है, जिसका अर्थ है–वानरों का आवासीय स्थल। यह स्थल वानर देव हनुमान जी की जन्मस्थली माना जाता है। पौराणिक ...Read More
Explanation : रास नृत्य रासलीला के द्वारा किया जाता है। यह नृत्य मूलतः ब्रज क्षेत्र का पारंपरिक नृत्य है, किन्तु ब्रज संस्कृति के प्रभाव के कारण हरियाणा के पलवल, होडल, फरीदाबाद, बल्लभगढ़ तथा गुरुग्राम जिलों में भी रासलीला का प्रचलन मिलता है। र ...Read More
Explanation : 'डफ' हरियाणा राज्य का लोक नृत्य है। यह एक श्रृंगार तथा वीर रस प्रधान नृत्य है। इसे 'ढोल नृत्य' के नाम से भी जाना जाता है। 'डफ' नृत्य फसल कटाई के उल्लास का प्रतीक है, जो वसंत ऋतु के आगमन पर किया जाता है। यह नृत्य नर्तकों के द्वारा ...Read More
Explanation : तीज पर तीज नृत्य किया जाता है। यह नृत्य तीज के त्योहार के अवसर पर सावन के महीने में आयोजित किया जाता है। इस अवसर पर स्त्रियां सुंदर–सुंदर वस्त्र धारण करके नृत्य और गायन का आयोजन करती हैं। महिलाएं घाघरा, ओढ़नी, कुर्ती तथा पारंपरिक ...Read More
Explanation : झूमर कहां राजस्थान का लोक नृत्य है। लेकिन हरियाणा के अनेक भागों में विवाहों, त्योहारों तथा अन्य खुशी के अवसरों पर भी इस नृत्य का आयोजन किया जाता है। झूमर नामक आभूषण के नाम पर इस नृत्य का नाम झूमर पड़ा। यह आभूषण विवाहित महिलाओं के ...Read More
Explanation : लूर नृत्य होली से दो सप्ताह पूर्व किया जाता है। लूर का अर्थ लड़की होता है इसलिए यह लड़कियों और महिलाओं का प्रमुख नृत्य है। फाल्गुन मास में आयोजित होने वाले इस नृत्य को 'टुनमुनिया' के नाम से भी जाना जाता है। इस नृत्य में पुरुषों क ...Read More
Explanation : धमाल हरियाणा राज्य का लोक नृत्य है। इस प्रसिद्ध लोक नृत्य की लोकप्रियता महेंद्रगढ़ व झज्जर में अत्यधिक है। ऐसी मान्यता है कि यह नृत्य महाभारत काल से ही प्रचलन में है। इस नृत्य में हरियाणा के रणबांकुरों की ओजस्विता तथा वीरता की स् ...Read More
Explanation : घुमर नृत्य होली, तीज तथा गणगौर पूजा के अवसर पर किया जाता है। इस नृत्य में लहंगे का जो घेरा बनता है, उसे 'घूम्म' कहते हैं। इसे घूमर नाम का उद्गम स्रोत भी माना जाता है। घूमर नृत्य महिलाओं द्वारा किया जाने वाला एक अत्यन्त लोकप्रिय न ...Read More
Explanation : हरियाणा का राजकीय स्वांग नृत्य है, जो सबसे प्राचीनतम भी है। स्वांग नृत्य में संगीत, नाट्य तथा नृत्य तीनों का अद्भुत संगम पाया जाता है। इस नृत्य में कथानक की आवश्यकता के अनुरूप रागनियां प्रस्तुत की जाती हैं। इस नृत्य में लगाए जाने ...Read More