प्रच्छन्न बेरोजगारी का सामान्यतः अर्थ होता हैं कि

(A) लोग बड़ी संख्या में बेरोजगार रहते हैं
(B) वैकल्पिक रोजगार उपलब्ध नहीं है
(C) श्रमिक की सीमांत उत्पादकता शून्य है
(D) श्रमिकों की उत्पादकता नीची है

Question Asked : [UPPCS (Mains) 2016]

Answer : श्रमिक की सीमांत उत्पादकता शून्य है

अर्थशास्त्र में छिपी या प्रच्छन्न बेरोजगारी शब्द का प्रयोग सबसे पहले श्रीमती जोन रॉबिन्सन (Mrs. Joan Robinson) ने किया था। तकनीकी शब्दावली में श्रमिकों की सीमांत उत्पादकता के शून्य होने को छिपी बेरोजगारी कहा जाता है। अर्थात् जब किसी काम में जितने श्रमिकों की वास्तव में आवश्यकता होती है उससे अधिक लोग काम कर लगे हुए हों तो इस बेरोजगारी को छिपी हुई बेरोजगारी कहा जाता है।
Tags : अर्थव्यवस्था प्रश्नोत्तरी
Useful for : UPSC, State PSC, IBPS, SSC, Railway, NDA, Police Exams
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Web Title : Prachanna Berojgari Ka Samanyatah Arth Hota Hain Ki