इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी, चाक्षुष सूक्ष्मदर्शी से अधिक आवर्धन क्यों देती है?

(A) इलेक्ट्रॉन का वेग प्रकाश के वेग से कम होता है।
(B) इलेक्ट्रॉन की तरंगदैर्ध्य चाक्षुष प्रकाश की तरंगदैर्ध्य से कम होती है।
(C) इलेक्ट्रॉन में प्रकाश कणों से अधिक ऊर्जा होती है।
(D) इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी में अधिक शक्तिशाली लेंसों का प्रयोग किया जाता है।

Question Asked : [SSC CPO Exam, 2015]

Answer : इलेक्ट्रॉन की तरंगदैर्ध्य चाक्षुष प्रकाश की तरंगदैर्ध्य से कम होती है।

इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी, चाक्षुष सूक्ष्मदर्शी (प्रकाश सूक्ष्मदर्शी) से अधिक आवर्धन देता है क्योंकि इसमें सूक्ष्म वस्तुओं का प्रतिबिंब तीव्र गति करते हुए इलेक्ट्रॉनों की सहायता से बनाया जाता है, ऐसे इलेक्ट्रॉनों से बनी तरंग की तरंगदैर्ध्य प्रकाश की तरंगदैर्ध्य से कम होती है जिसकी वजह से कोशिकाओं आदि के आंतरिक अतिसूक्ष्म भागों का भी स्पष्ट प्रतिबिंब बन जाता है। इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी में इलेक्ट्रॉनों का त्वरक विभव (Accelerating Voltage) बढ़ाकर इनकी गति बढ़ाई जा सकती है जिससे इनकी तरंगदैर्ध्य में कमी उत्पन्न करके उच्च आवर्धन प्राप्त कर ​लिया जाता है।
Tags : सामान्य विज्ञान प्रश्नोत्तरी
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